Thursday, May 14, 2015

गर्मी के दिन ....


इसबार गर्मी का कुछ मजा नहीं आ रहा है 
frown emoticon
 गर्मी पड़ता था , हमलोगों के जमाने में ! भोरे भोरे छत से नीचे आना , एक हाथ में लपेटाया हुआ भागलपुरी पीला 'अंटी' चादर और दुसरे हाथ में 'मसनद' ! नीचे आते ही , जहाँ जगह मिला 'लोंघडा' जाना , इसके लिए 'सोफा' मस्त जगह होता था, क्या आलस लगता था , ऐसा जैसे की कोई नशा भी फेल है टाईप ! अभी फिर से एक नींद नहीं मारे की , तब तक घर के बड़े बुजुर्ग का 'प्रवचन' / 'श्लोक' चालु ! कनखिया के उनको देखना और अखबार लेकर सीधे बाथरूम में ! सीधे नहा धो के बाहर निकलना ! अब गर्मी ऐसा की , नहा के निकले की , कंघी करते वक़्त , पसीना है की पानी , कुछ पता नहीं ! फिर रंजन ऋतुराज पटना के 'सब्जी बाग़' वाला टिप्कल कुरता में , बिना बनियान के और पैजामा ऐसा की , पूरा घर बहरा जाए ! फिर बिछावन के नीचे से चुपके से 'मनोहर कहानियाँ' / 'सत्यकथा' निकाले नहीं की तब तक बिजली गायब ! अब बरामदा में , बेंत वाला कुर्सी और सामने 'दही - चिउरा - चीनी' ! तले ...हमरे जैसा दू चार और आइटम आ गया ! दे गप्प ...दे गप्प ...दे गप्प ! 
दोपहर को चावल , अरहर के दाल , नेनुआ के सब्जी , आम के टिकोला वाला चटनी खा के ...पक्का पर चटाई बिछा के ...मसनद लगा के ...फोंफ ...! दे फोंफ ...दे फोंफ ...दे फोंफ ! इस हिदायत के साथ , पापा के लौटने के पहले मुझे जगा दिया जाए tongue emoticon
 शाम को उठ के , फिर से एक स्नान ! आमिर खान टाईप कॉलर उंचा के कर , पियर टी शर्ट , काला जींस और चार्ली सेंट ! एक राऊंड कंकडबाग , राजेंद्र नगर , उधर से ही समोसा ( सिंघाड़ा ) वाला चाट खाते हुए , थम्स अप ढरकाते हुए , चार बार अपना बाल पर हाथ फेरते हुए , कनखिया के 'खिड़की / बालकोनी' देखते हुए ...घर वापस ! शाम को बिजली नहीं ही रहेगा सो आत सीधे छत पर ! दे गप्प ...दे गप्प ..दे गप्प ! अब लालटेन और मोमबत्ती में कौन पढ़े ! अगला सोमवार से पढ़ा जायेगा ...फिर छत पर पानी पटाना ! दे बाल्टी ...दे बाल्टी ...दे बाल्टी ! रात में भर कटोरा 'दूध - रोटी' खा के ...छत पर ....वही मसनद ...वही भागलपुरी 'अंटी' चादर और एक रेडिओ ...! 
ना कोई अतीत , ना कोई भविष्य ...ना कुछ पाना है ...ना कुछ खोना है ...इसी ख्याल के साथ ...फिर से एक बार ..दे फोंफ ...दे फोंफ ...दे फोंफ ...
smile emoticon
 


@RR - 13 May 2015 

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