Friday, September 26, 2014

सिनेमा - सिनेमा

#. सिनेमा - सिनेमा 
बचपन में सिनेमा देखते थे - लगता था - हीरो गा रहा है - क्या गा रहा है - हीरोईन गा रही है - थोडा बड़ा हुए तो - पता चला ..वो कोई और गा रहा था ..लता ..मुकेश ..! मन थोड़ा उदास हुआ ...कोई बात नहीं कर के शांत हो गए ..फिर पता चला ..म्यूजिक डाइरेक्टर भी होता है ..पोस्टर के नीचे ..किसी ने पढवा दिया ..कल्याण जी आनंद जी ..धत्त ...फिर ये हीरो - हीरोईन क्या होता है ..यार ! धाएँ - धाएँ गोली चला ...एम्पाला कार आपस में ...हम सिनेमा हौल में ..सीट पर ..सीधे ..चुकू मुकु ...! क्या मारिस है ...अमिताभ बच्चन ...शशी कपूर कभी पसंद नहीं ..खाली डोलते रहता था ..धत्त ! जाः...अब कोई पूछ दिया ...सिनेमा का डाइरेक्टर कौन था ...अब यार ये कौन पैदा ले लिया ..डाइरेक्टर :(( मूड ऑफ ...धीरे - धीरे ..मेरा हीरो छोटा लगने लगा ..हीरोईन कठपुतली लगने लगी ...कितना बढ़िया था ..हम सिनेमा हीरो - हीरोईन में नाम पर देखने जाते थे ...तब टक कुछ एडवांस दोस्त यार ...'सलीम जावेद' बोल दिए ...ओये ...चुप रह यार ...सिनेमा अमिताभ बच्चन के नाम पर देखने जाते हैं...सलीम जावेद के नाम पर नहीं ..हो गया बहस ...लगा उस दिन ..अपना कमीज् फटेगा या ..राजू का ! 
एक सिनेमा ..में ना जाने कितने ..नाम घुस आये ...मेरा हीरो ..उफ्फ्फ... प्लस टू में ही थे ...माधुरी दीक्षित ..एक दो तीन गाने आयीं ...फिर कोई एडवांस दोस्त बोल दिया ...सरोज खान ..कोरीओग्राफर है ...मन किया ..वहीँ दे उसको दो तबड़ाक ...तुम देखने गए थे ...गदहा ...फिल्मफेयर लाकर पटक दिया ..मेरे सामने :(( हम चुप हो गए ..हमेशा के लिए ! 
दक्षिण भारत के तेलगु / तमिल सिनेमा का चस्का लगा ...थिरुड़ा - थिरुडा ..जबरदस्त सिनेमा ...गाना ..कमाल ...अब फिर बहस हुआ ...कैमरा मैन ... :(( 
अब कोई सिनेमा देख के आईये ...तुरंत हल्ला हो जायेगा ...हौलीवुड का नक़ल है ...प्लीज़ यार ...अब चुप रहो ...मेरा हीरो ...देखो न ...कितना बौना हो गया ...:((
~ 4 October 2012 

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