Sunday, September 28, 2014

जल कौन रहा है ....


जल कौन रहा है ? शमा या परवाना ? या दोनों ? सुबह होते ही शमा तो बुझ गयी - परवाना फिर शाम के इंतज़ार में ...कहीं अधजला यूँ ही दिन भर फडफडाता रहेगा ...फिर शाम आयेगी ..फिर दोनों जलेंगे ...जलने - जलाने की यह कहानी सदीओं से चलाती आई है ..सदीओं तक चलेगी ...अंतहीन सिलसिला ! प्यार / इश्क / प्रेम / मुहब्बत - इसको बयान करना आसान नहीं है ! हर कोई अलग अलग नज़र से - अलग अलग अनुभूती से इसको देखता है - मेरी नज़र में 'मिलन' कहानी का अंत है - दर्द और एहसास का अंत है !

@RR - २० जुलाई - २०१२ 

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