Monday, September 29, 2014

मेरे रूह .....


हम कोई वक़्त नहीं हैं हमदम 
जब बुलाओगे चले आयेंगे ...:)) 
~ निदा फ़ाज़ली 
मेरे रूह पर अब कोई भी लिबास नहीं मेरे साथी ...
जिस रंग में रंगोगे ..उसी रंग में ज़माने को दिखेंगे...:)) 

@RR - ३० मई - २०१४ 

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