Monday, September 8, 2008

बाढ़ मदद मे आगे आए बिहार के आई टी प्रोफ़ेशनल्स (Bihari IT professionals unite together to help their motherland)

कोशी के बाढ से सारा बिहार आहत है। इस दुख की घड़ी मे बिहार से बाहर रह रहे बिहारी भी उतना ही दुखी हैं। सभी चाहतें हैं कि इस प्रलय मे वे अपने राज्य के लोगो के लिये कुछ कर सकें। इस मुहिम मे बिहार के आई टी प्रोफेशनल भी जी-जान से जुटें है। दुनिया भर मे फैले आई टी इंजिनीयर्स बाढ़ रिलिफ का मुहिम अपने अस्तर पर शुरु कर रखें हैं। दुनिया भर मे फैले आई टी इंजिनीयर्स अपने अपने अस्तर पर अपने अपने समुहो मे बाढ़ रिलिफ समान इकठ्ठा कर बिहार मे भिजवा रहे हैं।
मैं खुद बहुत सारे याहूग्रुप के सहारे आई टी प्रोफ़ेशनल्स के संपर्क मे हुं. इस कार्य मे बिहार से संबंधित सारे याहूग्रुप्स के सदस्य एकजुट होकर बिहार के मदद मे जुट गये हैं. खास कर बिहारी(http://www.bihari.org/) याहूग्रुप (सबसे पुराना), वर्ल्ड बिहारी फ़ोरम , कुल बिहार , बिहार ब्रेन इत्यादी एक जुट होकर ग्राउंड ज़ीरो पर उपस्थित अपने सदस्यो के द्वारा बाढ रिलिफ़ मे लग गये हैं। सबसे मजेदार बात है कि हमसभी अपने कार्यों एवम खर्च का व्योरा अपने ब्लाग (http://biharfloodrelief2008.blogspot.com/) के सहारे मददगारों को अवगत कराते रहतें है। इस ब्लाग पर balance sheet जो कि गुगल पेज पर है के द्वारा एक एक पैसे का हिसाब दर्शाता है। हमारा उद्देश्य है दुनिया भर मे प्रलय की जनकारी देना और लोगो को बाढ़ मदद मे आगे आने के लिये प्रोत्साहित करना। लोगो को ये बताना है कि अगर आपको नहीं मालुम है कि कहां डोनेट करें तो चिफ मिनिस्टर फंड मे जमा कर दें.
हम सभी दुनिया भर के आई टी कंपनियों को इमेल लिख कर बाढ़ राहत मे आगे आने के लिये अनुरोध कर रहे हैं. बहुत सारी आई टी कंपनियां अपने अपने कंपनी मे बाढ़ राहत के लिये समान के अलावा फंड जमा कर रहीं हैं.
अब समय आ गया है कि हमलोग भी अपने मातृभूमी के सेवा मे कुछ कर सकें। इस दुख की घड़ी मे हम सभी एन आर बी (Non resident Biharis) बिहार की जनता के साथ हैं।
कुछ निउज कवरेज यहां पर भी पढा जा सकता है
Bihar Flood Relief – Your Contribution will save life
Bihari techies unite to help motherland

धन्यवाद
सर्वेश कुमार उपाध्याय
बंगलोर

5 comments:

Udan Tashtari said...

कल ही सुना इस बारे में-यू एस से काफी आई टी कम्पनियाँ इस दिशा में मदद भेज रही हैं.

Satyendra Prasad Srivastava said...

सराहनीय पहल।

सौरभ कुदेशिया said...

यह बडे ही शर्म की बात है कि आज भी हम हर छोटी-बडी मुश्किलो का सामना एक देश के तौर पर नही, बल्कि बिहारी, बंगाली, गुजराती के तौर पर कर रहे है. गुजरात मे धमाके हुये तो गुजरात जबाब देगा, बिहार मे मुसीबत आई तो बिहारी मदद करेगे, बाकी के देशवासी सिर्फ अपने पर आफत आने पर ही कुछ करेगे. क़्या बिहार भारत का हिस्सा नही है? यदि है, तो क्या बिहार की मुसीबते पूरे देश के लिये चुनौती नही है?

हमारे नेता देश को महाशक्ति बनाने का सिर्फ दावा करते रहेगे. हमारी सारी देशभक्ति और एकता की ढिंगे हर मुसीबतो के वक़्त रेत की दीवार की तरह खोखली ही साबित होती है.

Sarvesh said...

सौरभ जी,
आपकी बात अंशत: सत्य है। खुद के अंदर झांक कर देखना पड़ेगा। मैने बहुत लोगो से पुछा तो पता चला कि वो इसे आम बाढ समझ रहे थे. ये हमारी जिम्मेवारी है कि लोगो को बताया जाय कि कितना विध्वंशक बाढ़ है। मिडिया को ये कार्य करना चाहिये था। मिडिया बुरी तरह फेल रहा इस रिपोर्टिंग मे। नेशनल मिडिया तब पहुंची जब लालू हेलिकाप्टर लेकर गये। उस समय मिडिया कहां थी जब १८ अगस्त से लोकल हिंदी मिडिया चिल्ला रही थी। नेशनल मिडिया लोकल समाचार पत्रो मे छपे समाचारों को कचरा समझ कर रद्दी के पेटी मे डाल देती है। जब लोगो को इस त्रासदी के बारे मे विस्तार से पता चला तो देश ही नहीं विदेशी नागरिक भी मदद मे आगे आ रहे हैं। देश की जनता को धन्यवाद देना चाहिये क्योंकी हर प्रदेश के लोग सहयोग कर रहे हैं।

संजय शर्मा said...

Es prayas ki jitani bhi taarif ki jaay kam hogi. Public jag jayegi na Sarvesh bhai to Loktantra ke chaaro astambh so nahi payegi.