Friday, April 4, 2008

कमाल के हैं - "कमाल खान " !

प्रणव राय के न्यूज़ चैनल मे "कमाल खान " एक रिपोर्टर हैं - आप इनके रिपोर्टिंग को देखें - मंत्र - मुग्ध हो जायेंगे ! बिल्कुल सरल और साफ पानी की तरह ! एक दिशा मे बिना किसी विद्वेष और "दुराग्रह" के ! रमजान के महीने मे इन्होने मक्का - मदीना के बारे एक रिपोर्टिंग की ! शायद "वाह ! जनाब और लाजबाब " जैसे शब्द भी कम पड़ जायेंगे ! दुःख है की यह कोई "ब्लॉग" नही लिखते हैं और दिल्ली मे इनका कोई हितैषी भी नही है ! मैंने पूछा - आप दिल्ली क्यों नही आ जाते ! मुस्कुरा दिए ! मैं समझ गया - यहाँ कई "नाग" बैठे हैं - जो पल भर मे इनके "पत्रकार" जीवन को डस - सदा के लिए सुला देंगे ! "कमाल खान को सिर्फ़ उर्दू ही नही आती है - यह संस्कृत के श्लोक भी धारा प्रवाह बोलते हैं ! यह किसी पर दुराग्रह से प्रभावित कोई हमला नही करते हैं - पर अपने "कॉम" की सुंदर तस्वीर देने से जिझाकते भी नही हैं !
" कमाल , तुझे मेरा सलाम " !
इलेक्ट्रोनिक मीडिया इतनी गंदी और गुटबाजी की शिकार हो गयी है की कहना मुश्किल है की किसका चेहरा बेदाग है ! "पुण्य प्रसून" जैसे वक्ता को भी नही बख्शा जाता है ! कुछ लोग पत्रकारिता को बाप-दादा की जमींदारी समझ लिए हैं - जमींदारी छीन जाने के डर ने इनको आक्रामक बना दिया है - इनके आक्रमण के शिकार कई भले मानुष हो जाते हैं - वह बेचारे कुछ बोल नही पाते हैं - पिछले साल इलेक्ट्रोनिक मीडिया मी कई "चाल" चले गए - शायद आप सभी को पता ही होगा !
कभी कभी यह पत्रकार वर्ग ख़ुद को इतना मजबूत पता है की सता को गिराने का ठेका भी ले लेते हैं ! पिछले साल पटना के एक बाहुबली विधायक पर हमला और फ़िर उसकी पोल खोल ने जग जाहिर कर दिया की - दिल्ली के न्यूज़ रूम से लेकर पटना के कैमरा मन तक सभी के सभी इस गंदी राजनीती के हिस्सा थे ! अब ये उस प्रकरण पर कुछ भी नही बोलते !
एक अजीब सा वातावरण बना दिया जता है - पिछले साल राम नाथ गोएंका अवार्ड के असली विजेता और सही रूप मी पत्रकारिता का काम कर रहे लोगों की चर्चा किसी ने नही की - बल्की क्षेत्रिये पुरस्कार के विजेता को कंधे पर बैठा लिया गया - क्योंकी यह पत्रकार - दिल्ली मे बैठा अपने जाती के पत्रकारों का "अर्जुन" है !
इस अर्जुन- द्रोणाचार्य के गठजोड़ मे कई एकलव्य बरबाद कर दिए गए और किए जा रहे हैं ! यह अंतहीन "तमाशा" कब तक चलेगा - पता नही ! -

रंजन ऋतुराज सिंह , नॉएडा

12 comments:

संजय शर्मा said...

कमाल खान कमाल के तो है ही ,आपकी रिपोर्टिंग भी कमाल की है .

Sarvesh said...

कमाल khan को हमारा सलाम boliyega. ऐसे ही jankaari हम लोगो को मीडिया के बारे me देते rahiye. तभी हम सोचते थे की आज कल समाचार क्यों घटिया आने लगा है? मुझे समाचार की जाती होती है ऐसा manane me कोई sansay नहीं है. Waah रे इंडिया!! Pahle sochate थे kee घर ka darwaja band कर लेंगे to जाती पाती से dur हो जायेंगे. लेकिन ये जाती के दलाल to TV के maadhyam से drawing room me pahuchane लगे हैं.

अफ़लातून said...

कमाल ख़ान की रपट सुनने में सुक़ून मिलता है-वे श्लोक सुनाएँ,चाहे शेर !

Ashish Maharishi said...

कमाल खान शुरु से ही मेरे फेवरिट रिर्पोटर रहे हैं। यदि आप बोलहल्‍ला डॉट ब्‍लॉगस्‍पाट डॉट कॉम के लिए उनके इंटरव्‍यू का जुगाड़ कर दें तो बड़ा एहसानमंद रहूंगा मैं आपका

Mukund Kumar said...

kya kah rahe hain sir ji media bhi kamal ke khel khelti hai aur inke khiladi bhi kamal -2 ke hain .Bas aap isi tarah inke kamal ke khel dikhate rahiye..bahut hi dhanyawad kamal khan ji ke bare main jankari dene ke liye

Unknown said...

वाह ! मुखिया जी ! छा गए ! गर्दा - गर्दा कर दिए !

राजीव जैन said...

यूं अपन को हार्ड न्‍यूज में शेरो शायरी पसंद नहीं
पर
कमाल साहब का शुरू से फैन हूं, लास्‍ट में जब वो शेर ढूंढकर लाते हैं तो मजा आ जाता है। उनका एक शेर पूरी रिपोर्ट पर भारी होता है।
अपन तो मौका मिल जाता है तो उनकी एक रिपोर्ट को कई कई बुलेटिन में सुन लेते हैं।
उनकी हिंदी और उर्दू गजब की है। मैं तो कहता हूं कि एनडीटीवी ने इतने बडे हीरे को सिर्फ यूपी तक क्‍यूं सीमित कर रखा है। वो तो प्राइम टाइम के बुलेटिन में होने चाहिए।
हमारा सलाम उन तक पहुंचाएगा।

Plain Politics said...

दुःख इस बात का है की ऐसे कमाल के पत्रकार को उत्तर प्रदेश तक सीमित रखने मे कहीं कोई बहुत बड़ी साजिश तो नही है - क्या कोई श्री प्रणय राय तक यह बात पहुंचा सकता है ! जब ऐरे गैरे चैनल प्रमुख बन सकते हैं फ़िर कमाल खान जैसे लोग "दिल्ली" क्यों नही आ सकते ! भाई - प्रणय राय जी - पब्लिक डिमांड है - कुछ कीजिए !

संजय शर्मा said...

मुहब्बत की तड़प ये दोस्त इधर भी है , उधर भी है . मतलब धर्म-निरपेक्षता की वकालत रवीश जी भी कर रहे है पेशे के अनुरूप . कमाल अगर जाति ,धर्म से मुक्त पत्रकार हैं तो असली धर्मनिरपेक्षता उनको आगे लाकर ही निभाई जा सकती है .

Ram N Kumar said...

मजा आ गया, रवीश को क्या खूब जवाब दिया है. वह तो भ्रष्ट इंसान है...

Unknown said...

Media Kamaal khaan jaise log aage nahin badh paate hain. Kyonki wahan talent ki nahin jaati ka bolbala hai. Worst part tab hota hai jab jaati ke naam par apani jaati ke logo ko hero aur dusari jaati ke logo ko villain dikhane lagte hain. Kamal sahab aap apni pratibha ko barkarar rakhiye. Aapke bahut prashanshak hain.

Unknown said...

bhai kamal khaan ko hamara salam ,maine bhi bahut se reporting dekhi hai unki ndtv par. bahut he kamal ke hai yo,lekin bhai ek vinay rai bhi thy lko me zee tv se unka bhi ab kuch pata nahi chalta kya dyanamic person tha yo. ek baar mulakat hui thi unse.