Monday, September 29, 2014

एक शहर होता है..........


एक शहर होता है – शहर में लोग रहते हैं – लोगों के अलग अलग शौक होते हैं – इन्ही शौकों के आधार पर शहर में कई क्लब होते हैं ! मेरा भी एक शहर है – पटना ..:)) पटना में अलग अलग क्लब हैं – बांकीपुर कल्ब , गोल्फ क्लब , मगध स्पोर्ट्स क्लब ..:)) 
जी ...मै भी पटना के बहुचर्चित मगध स्पोर्ट्स क्लब द्वारा आयोजित मानसून कार रैली में भाग लेने जा रहा हूँ – इसी शनीवार – पटना से बोधगया – कुल पचीस के करीब टीमे होंगी – मेरे साथ होंगे मेरे स्कूलमेट अजय कुमार शर्मा ... 
मगध स्पोर्ट्स क्लब के संचालक हैं – श्री प्रणव शाही जो मेरे जिले गोपालगंज से आते हैं और लगभग उनसे तीस वर्ष पुराना नाता है – तब जब हम हाईस्कूल में होते थे और वो इंटर के विद्यार्थी – और वो बिहार का प्रथम विडियो फिल्म बना रहे थे –‘दिल अपना और प्रीत पराई’ – उनके आवास ‘हथुआ कोठी’ – गांधी मैदान जाना होता था और वो अपने स्क्रिप्ट में व्यस्त – शाम को अक्सर उन्हें उनकी उस जमाने की ‘कोनकोर्ड’ साइकिल पर देखता – जब वो शूटिंग कर रहे होते – मै चुपके से उनकी साइकिल के पैडील पर अपने पाँव रख खुश हो जाता था – यही पहली याद है उनकी ! 
बरस दर बरस ख़त्म हो गए – हम सभी अपनी अपनी ज़िंदगी में व्यस्त – वर्षों बाद इंटरनेट के एक वेबसाईट पर उनका नाम देखा और फिर से उनके नजदीक आ गया – इंसान कहीं भी चला जाए – बचपन को साथ लेकर घुमते रहता है ..:)) 
मगध स्पोर्ट्स क्लब पिछ्ले साथ आठ सालों से बिहार में कई कार रैली करवा चुका है – और कई सालों से श्री प्रणव शाही की तमन्ना थी – मै भी उनके किसी कार रैली का हिस्सा बनू – पटना से दिल्ली , दिल्ली से पटना , बोधगया से कुशीनगर , पटना से पुरी इत्यादी ! इसबार जब उनके प्रोफाईल पर इस साल वाला मानसून रैली का खबर पढ़ा – खुद को रोक नहीं पाया – बोला ...सर ..मै भी ...वो भी उधर से जबाब दिए ...ज़ल्दी घर आईये ...फिर ढेर सारे गप्प ...कैसे एक साथ छः विश्व प्रख्यात विश्वविद्यालयों में ‘फिल्म निर्माण’ को लेकर उनको स्कोलरशिप मिली – ब्रुकलिन से लेकर प्रख्यात लन्दन स्कूल तक – कहीं सिलेबस से ज्यादा उनको ज्ञान तो कहीं परिवार का बंधन – पर वो फिल्म निर्माण और मीडिया से जुड़े रहे – हर जगह और हर व्यक्तित्व की अपनी एक परिधी होती है और आपको उसमे ही रहकर अपना बेस्ट देना होता है – उनका एक विडियो ‘बुद्ध’ पर ..विश्वभर में सराहा गया ! जब मेट्रो दूरदर्शन आया – उनका एक शो – गुड मोर्निंग मेट्रो दो तीन साल तक काफी फेमस भी रहा ! 
शनीवार सुबह कार रैली हथुआ कोठी – गांधी मैदान से शुरू होगी – कुछ नियम कानून होंगे – एक सफ़र मस्ती का होगा – फिर बोधगया में रात्रीविश्राम के बाद – अगली सुबह वापस ! 
दिल्ली / एनसीआर में बारह साल रहने के बाद – पटना में वापस रहना आसान नहीं है –– हर शहर का अपना अंदाज़ होता है – फिर ऐसे ही कुछ हाथ होते हैं – जो आपको पकड़ लेते हैं – कुछ दूर तक सहारा देते हैं – एक हौसला भी – ज़िंदगी यहाँ भी है ....:)) 
मैंने तो ...बस ...’हेल्लो पटना’ बोला था .....:))

@RR - 2 July 2014 

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