Sunday, August 19, 2007

वाह रे हिंदुस्तान - लेफ्ट - लेफ्ट -लेफ्ट !

हमको त राजनीति समझ मे नही आता है ! लेकिन बहुत कुछ बुझाता है ! शरद भाई कह रहे थे - " मुखिया जीं , बुझ के ही क्या कर लीजिये गा ? " १९९० से लेकर आज तक पुरा हिंदुस्तान "लेफ्ट-राईट-लेफ्ट " कर रहा है !अब आदमी का क्या ठिकाना , एक तो आदमी ऊपर से सरदार जीं , हो गया सब घोर मट्ठा :( , बर्दास्त नही हुआ , मुह से कुछ निकल गया , फिर पुरा हिंदुस्तान "लेफ्ट-राईट-लेफ्ट " करने लगा :) न्यूज़ चैनल वाला सब को त कोई धंधा है नही , कल ऐसा कर दिया कि लगा कि अब सरकार गिरा त तब गिरा ! राजदीप भाई त इतना चिल्लाते हैं कि पूछो मत ! रविश भाई को सब जगह "कविता" ही नज़र आता है - "खिड़की बंध है त दरवाजा खुला है " !
अरे भाई लोग हमसे पूछिये - ई सब को बिहारी भाषा मे कहते हैं - " मुह-फुल्लौवल" ! १२ बज रहा होगा सरदार जीं कहीँ भाषण दे दिए कि लेफ्ट क्या कबाड़ लेगा , हमारा ! फिर क्या ? ब्रिन्दा कारत ने प्रकाश कारत को रात भर सोने नही दिया होगा -" कैसा मरद हो जीं ? " ! बस अगला दिन सुबह "मरद" जाग गया और पुरा देश -"लेफ्ट-राईट-लेफ्ट " करने लगा ! जिसको नही करने का मन था उसको ई न्यूज़ चैनल वाला सब करा दिया ! सबसे दुःखी "सीताराम" भैया नज़र आये :( , जुबान कुछ और , और चेहरा कुछ और ही कह रहा था ! हमको पता था - बेचारे का दरद !
देखिए महाराज , सभी जगह बाढ़ आया हुआ है - कई राज्य इसके चपेट मे हैं लेकिन किसी कोई चिन्ता नही - किसी न्यूज़ चैनल वाला ने बाढ़ का सही कवरेज नही किया ! मूड त उखदा हुआ है ! लेकिन कर भी क्या सकते हैं ?
ठीक हुआ कि आप लोग विदेश चले गए ! कोई स्कोप हो तो बतायीयेगा ! दूर्र ,,,,,,, यहाँ कौन रहेगा !
"लेफ्ट-राईट-लेफ्ट"
१-२-३
"लेफ्ट-राईट-लेफ्ट"
१-२-३


रंजन ऋतुराज सिंह , नौएडा

1 comment:

Click2Pay online casino said...

And how in that case to act?